प्राजक्त
Thursday, 24 March 2011
स्वप्न
माझ्या डोळ्यातले स्वप्न
अश्रुंसवे वाहुन गेले
तुझी वाट पाहता पाहता
अश्रुंमधेच विरुन गेले ....
प्राजक्त
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